चुकंदर एक फायदे अनेक | One Beetroot Many Benefits- Hakim Suleman Khan

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चुकंदर एक फायदे अनेक

चुकंदर - beetroot
25 September, 2018

 

लाल रंग का दिखने वाला फल चुकंदर मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी होता है. इसका अंग्रेजी नाम बीटरूट (Beetroot) होता है. इस फल का वानस्पतिक नाम बीटा वुल्गेरिस वरप्पा ( Beta vulgaris varrapa) होता है. यह कई रोगों से लड़ने की क्षमता तो प्रदान करता ही है बल्कि एक सुखद और सफल स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी भी होता है. आंकड़ों के मुताबिक़ चुकंदर की खेती की शुरुआत करीब 4 हज़ार साल पहले भूमध्य क्षेत्र में की गई थी. इसका उपयोग जूस से लेकर सलाद तक में किया जाता है. इसके रस को पीने से खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा (Hemoglobin Level) में इजाफा होता है.

एनीमिया में चुकंदर का इस्तेमाल (Use of beetroot in Anemia)

एनीमिया में चुकंदर का इस्तेमाल

 
चुकंदर में प्रचुर मात्रा में विटामिन, खनिज और पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के रक्त शोधन में बेहद उपयोगी होते हैं। इसमें पाया जाने वाला प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट ( Natural Antioxident) शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर हमें रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान कराता है. इसका जूस हम कई फलों के साथ मिलाकर पीते हैं. इसमें मौजूद फोलिक एसिड (Folic Acid) गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद होता है.

प्राकृतिक शर्करा का एक बड़ा स्रोत होता है. हमारे देश में इसका प्रयोग एनीमिया (Animea) को समाप्त करने के लिए किया जाता है. शरीर में खून की कमी होने पर इसका सेवन हर रूप में बेहद उपयोगी माना जाता रहा है. इसमें प्रचुरता में पाए जाने वाले तत्व मसलन आयरन, सोडियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस शरीर में खून की कमी ( Blood Deficiency In Body) पूरा करने का कार्य करते हैं. यह सिर्फ खून बढाने का कार्य ही नही करता अपितु इसके कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं.

गर्भावस्था में चुकंदर के फायदे (Benefits of beetroot in pregnancy)

गर्भावस्था में चुकंदर के फायदे

 
गर्भवती महिला के पेट में पल रहे बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य के लिए फोलिक एसिड (Folic Acid) तत्व का सेवन बेहद महत्वपूर्ण होता है. इस तत्व से बच्चे का विकास तो होता ही है बल्कि जच्चा का स्वास्थ्य भी बना रहता है. इसमें में मौजूद फोलिक एसिड तत्व और आयरन महिला के प्रजनन शक्ति को बढाने का कार्य करती है. चिकित्सक गर्भावस्था में चुकंदर का जूस पीने की सलाह देते हैं. इसके साथ कई एनी फलों मसलन सेब अनार और नीबू इत्यादि का सेवन भी शरीर में एनीमिया या खून की कमी( Blood Deficiency) रोकने में बेहद कारगर होता है. गर्भावस्था के दौरान एक गिलास चुकंदर का रस दिन में २ बार सेवन करना लाभकारी होता है.

पेट की आन्तरिक बीमारियों में चुकंदर का सेवन (Beetroot intake in internal stomach disorders)

पेट की आन्तरिक बीमारियों में चुकंदर का सेवन

 
पेट में अपच, फीताकृमि और अम्ल की अधिकता को संतुलित करने में चुकंदर का सेवन ( Use Of Beet) बेहद फायदा पहुचाता है. रोज रत को सोने से पहले एक गिलास चुकंदर का रस पीना उत्तम होता है. यह आपके पेट में कब्ज नही बनने देता और बवासीर की समस्या (Piles Problem) में भी राहत मिलती है. पेट में पल रही पथरी समाप्त करने में चुकंदर बेहद अहम् भूमिका निभाता है. 2 चम्मच शहद एक कप जूस में मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करने से कुछ दिनों में किडनी की पथरी ( Kidney Stone) गलकर बाहर निकल जाती है. इसके अलावा आँतों में छिपकर स्वास्थ्य बिगाड़ रहे फीताकृमि भी इसका जूस पीने से समाप्त हो जाते हैं.

ह्रदय रोग में चुकंदर के फायदे (Benefits of beetroot in heart disease)

ह्रदय रोग में चुकंदर के फायदे

 
उच्च या निम्न रक्तचाप मानव जीवन को परेशानी में डाल देता है. इसकी वजह से ही आमतौर पर दिल के दौरे पड़ते हैं. दिल के दौरों से मानव असमय काल के गाल में समा जाता है. ब्लडप्रेशर में चुकन्दर (Beet In Blood Pressure) लेना बेहद फायदेमंद होता है. फल के साथ ही इसके पत्ते भी गुणकारी होते हैं. इसके पत्तों में फोलेट प्रचुरता में पाया जाता है.
इसके सेवन से हाई ब्लडप्रेशर और अल्जाइमर की समस्या में बेहद आराम मिलता है| एक कप चुकंदर में आधा कप गाजर और आधा कप सेब का जूस मिलाकर दिन में दो बार पीने से ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है. सलाद के रूप में सेवन करने से दिल की बीमारियों में राहत मिलती है.

लीवर रोग में चुकंदर का इस्तेमाल (Use of beetroot in liver disease)

लीवर रोग में चुकंदर का इस्तेमाल

 
लीवर मानव शरीर की संरचना में बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसमें विकृति आ जाने से पीलिया ( Jaundice) , रक्ताल्पता ( Anemia) जैसी बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है. लीवर की बीमारी में चुकंदर ( Beetroot in liver disease) के जूस का प्रयोग फायदा पहुंचाता है.
आधा कप चुकंन्दर का जूस और 100 ग्राम पलक का रस एक साथ मिलाकर चुटकी भर काली मिर्च मिलाएं. अब इस जूस को तुरंत पी जाएं. यह प्रक्रिया दिन में कम से कम दो बार अमल में लाना चाहिए.
इसका उपयोग नियमित कर सकते हैं. इसके सेवन से लीवर तो ठीक होगा ही साथ ही खून की कमी ( Blood Deficiency) भी पूरी हो जाएगी. इससे आपके शरीर में बढ़ रही बिलुरिबिन की मात्रा में कमी आएगी और पीलिया रोग ठीक हो जाएगा.

चमड़ी रोग में चुकंदर का सेवन (Beetroot intake in skin disease)

चमड़ी रोग में चुकंदर का सेवन

 
इंसान की काया ही उसे खूबसूरत बनाती है. त्वचा के रोग से इंसान टूट सा जाता है. मुंह में पड़े दाने, कील मुहांसे, दाद खाज खुजली, सनबर्न जैसी स्थिति से बचने के लिए चुकंदर का सेवन ( Use Of Sugar beet) बहुत उपयोगी होता है. चुकन्दर तेज धूप से झुलसी त्वचा में फायदा पहुँचाता है. इसके रस को रूई की सहायता से जले या झुलसी त्वचा पर लगाने से परेशानी में आराम मिलता है.
रात को हमारी त्वचा की कोशिकाएँ पुन: बनती हैं. सोने से पहले शरीर पर तेल की मालिश करके सोयें. इसमें मौजूद फाइबर और फोलेट त्वचा में चमक लाने का कम करती है. रूसी या डैंड्रफ होने की स्थिति में चुकन्दर के रस में सेब का सिरका मिला कर सिर पर मालिश करने से से कुछ दिनों में समस्या में राहत मिलती है. चुकंदर को गोलाकार में काटकर चेहरे पाकर मालिश करने से कील मुहांसों में राहत मिलती है. इसके अलावा चुकंदर के पत्तों को पीसकर दाद खाज खुजली के स्थान पर लेपन करने से आराम मिलता है.

सुगर की बीमारी में चुकंदर का सेवन (Beetroot consumption in Sugar disease)

सुगर की बीमारी में चुकंदर का सेवन

 
प्राकृतिक शर्करा के अलावा चुकन्दर में पर्याप्त मात्रा में फाइबर, पौटेशियम और फोलेट की मौजूदगी पाई जाती है. इसका सेवन डायबिटीज़ २ टाइप के मरीज़ों के लिए लाभकारी होता है. इसका  ग्लाइसेमिक काउंट 64 होता है जिसके सेवन के बाद शरीर में तुरंत ग्लूकोज का निर्माण नही होता. एक स्वास्थ्य सर्वे के मुताबिक़ चुकन्दर में काफी मात्रा में मौजूद नाइट्रेट सुगर मरीजों के लिए बेहतर होता है. यदि लगातार १० दिन तक मधुमेह का मरीज सीमित मात्रा में इसके जूस का सेवन करे तो उसका सुगर लेवल सामान्य हो जाता है. चुकन्दर के रस में बेटालेन (betalain) और नीओ बेटालेन (neo betanin) प्रचुरता में पाया जाता है. ये दोनों तत्व डायबिटीज़ के मरीज़ों में ग्लूकोज़ स्तर को कम बनाए रखते हैं और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को रोकते का काम करते हैं.

चुकंदर के कुछ अन्य फायदे (Some other benefits of beetroot)

शरीर में खून की कमी (Blood Deficiency In Body) दूर भगाने में चुकंदर का सेवन उपयोगी तो होता ही है लेकिन इसके और भी बहुत से फायदे होते हैं. चुकंदर के रस को कुछ अन्य फलों के साथ मिलाकर पीने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा सामान्य रहती है.

इससे मज्जा और हड्डियों का विकास होता है. आँखों की रोशनी बढ़ने में चुकंदर का सेवन बेहद महत्वपूर्ण होता है. दिमागी शक्ति बढ़ने के लिए इसमें में मौजूद कॉलिन नामक तत्व बेहद असरदार होता है. यह मनुष्य की यादाश्त बनाए रखने में कारगर होता है. चुकन्दर के सलाद में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके सेवन से मान्शपेशियाँ मजबूत होती हैं. इसके अलावा नियमित रूप से इसके जूस का सेवन यौन शक्ति बढ़ाने का कार्य करता है. शारीरिक दुर्बलता के लिए चुकन्दर का सेवन रामबाण होता है.

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